अंगिरस गोत्री सौभरि ब्राह्मणों (आदिगौड़ अहिवासी ब्राह्मणों) का संक्षिप्त परिचय:-
वंश:- ब्राह्मण
गोत्र:- अंगिरस
प्रवर:- अंगिरा, घोरऋषि, महर्षि काण्व, ब्रह्मर्षि सौभरि
जाति:- आदिगौड़ अहिवासी ब्राह्मण
कुलदेवी:- कात्यायनी, यमुना
देवता:- ब्रह्मा जी
इष्टदेव:- श्रीकृष्ण के बड़े भ्राता व शेषअवतार श्री बलदेव जी
वेद:- ऋग्वेद
शाखा:-
पत्रिका:-
प्रसिद्ध महापुरुष:- श्री कल्याण देवाचार्य, प्रोफेसर माधवाचार्य पांडा जी, संत शिरोमणि प्रभुदत्त ब्रह्मचारी जी, सती हरदेवी जी, प्रसिद्द चित्रकार जगन्नाथ मुरलीधर अहिवासी जी ।
सूत्र:-
अंगिरस गोत्रियों का महामंत्र:--
प्राचीन निवास क्षेत्र:- अहिवास क्षेत्र, सुनरख, वृन्दावन
उपगोत्र:- 50
कुल स्वजाति जनसँख्या:- 3 लाख (लगभग)
सबसे बड़ा गांव:- खायरा
सबसे बड़ा नगर:- दाऊजी (बल्देव नगर)
भाषा:- ब्रज (मूलभाषा ), संस्कृत, हिंदी, बुंदेली, अवधी, इंग्लिश
किन प्रदेशों में स्वसमाज के गांव पड़ते हैं:- उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र आदि ।
सामाजिक धर्मशाला:- गोवर्धन कुञ्ज
ब्रज के १२ वनों के अंतर्गत आने वाला वन:- भद्रवन (भदावल गॉंव), खदिरवन (खायरा गॉंव)
दाऊजी मंदिर के संस्थापक:- गोस्वामी कल्याणदेव जी
भगवती चरित के रचयिता (ब्रजभाषा):- प्रभुदत्त ब्रह्मचारी जी:
सतीत्व:- सती हरदेवी जी
प्रोफ़ेसर व समाजसेवक:- माधवाचार्य जी
ब्रह्मर्षि सौभरि जी की तपस्थली:- सुनरख {वृन्दावन }
स्वसमाज की संसद:- गोवर्धन कुन्ज
सम्पूर्ण भारत में गाँवों की संख्या:- 162 से ज्यादा
अखिल भारत में गांवों की दृष्टि से सामजिक फैलाव जिलेवार:- 25 से ज्यादा
उत्तरप्रदेश में गाँवों संख्या:- 12 गाँव (यमुना आर, मथुरा), 12 गांव(यमुना पार, अलीगढ़, हाथरस, आगरा), दाऊजी, 12 (गंगा पार, बरेली जिला), 12 गॉंव (सीतापुर जिला)
राजस्थान में गाँवों की संख्या:- 28 गॉंव (भरतपुर, अलवर जिला)
मध्यप्रदेश में गाँवों की संख्या:- 70 से ज्यादा
महाराष्ट्र में गाँवों की संख्या:-
सबसे बड़ा राष्ट्रीय संगठन:- अखिल भारतीय सौभरेय ब्राह्मण संगठन: ( स्वजनों को जागरूक कराने में क्रांतिकारी योगदान)
विरासत स्थल:- दाऊजी मंदिर (बलदेव ), सेवा कुन्ज वृन्दावन, सती हरदेवी मंदिर पलसौं(परशुराम खेरा ), प्रभुदत्त ब्रह्मचारी आश्रम झूसी (इलाहबाद ), राधाबल्लभ कुन्ज गोवर्धन, सूर्यकुण्ड भरनाखुर्द, खदिरवन खायरा गॉंव, दाउजीबगीची शोध संस्थान वृन्दावन, सौभरि वन वृन्दावन, सौभरि उद्यान गाजियाबाद, बद्रिकाश्रम उत्तराखंड ।
राजधानी (पंडौं की नगरी):- बलदेव नगरी
उपाधि:- अहिवासी ब्राह्मण
देवालय:- श्री दाऊजी मन्दिर
प्रमुख त्योहार:- होली का हुरंगा
सबसे बड़ा गांव:- खायरा
भाषा- ब्रज (मूलभाषा ), संस्कृत, हिंदी, बुंदेली, अवधी, इंग्लिश
किन प्रदेशों में स्वसमाज के गांव पड़ते हैं:- उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान
स्वसमाज का मूलनिवास स्थान:- सुनरख, वृन्दावन
स्वसमाज का विस्तार:- 25 जिलों से ज्यादा
दाऊजी मंदिर के संस्थापक:- गोस्वामी कल्याणदेव जी
प्रथम आईएएस:- श्री राजेश पांडे
प्रथम MLA:- श्री किशोरी श्याम शर्मा
उपगोत्र के नाम से गाँव का नाम:- सीह गांव (उपगोत्र-सीहइयाँ)
प्रथम ब्लॉकप्रमुख:-
प्रथम जिला पंचायत सदस्य:-
स्वसमाज की टोटल वर्थ:- 50000 करोड़ से ज्यादा ।
साभार- ओमन सौभरि भुरर्क, भरनाकलां, मथुरा
संबंधित लिंक...
जय हो दाऊ दयाल की
ReplyDelete