Sunday, 23 July 2023

हिंदू धर्म में उपवास और व्रत करने के कुछ विशेष नियम:-

 हिंदू धर्म में उपवास का विशेष महत्व है। आस्था और शास्त्रों के अनुसार, व्यक्ति सप्ताह के दिन, तिथि या फिर त्योहार के अनुसार व्रत रखता है। कई लोग मन्नत के अनुसार भी व्रत रखते हैं। दिनभर बिना अन्न ग्रहण किए, तो कई बिना जल ग्रहण किए व्रत रखते हैं। हर कोई अपनी आस्था के अनुसार व्रत रखता है। माना जाता है कि व्रत तप के समान होता है। जिसमें व्यक्ति को अन्न त्यागने के साथ-साथ कई चीजों का मोह त्यागना पड़ता है, जिससे दृढ़ शक्ति जाग्रत होती है। शास्त्रों के अनुसार, व्रत करते समय कुछ नियमों का जरूर पालन करना चाहिए, वरना पूजा का पूरा फल प्राप्त नहीं होता है।



हिंदू धर्म में सनातन काल से हैं भगवान की पूजा आराधना उन्हें प्रसन्न और अपनी इच्छाओं को पूर्ण करने के लिए किया जाता हैं। ऐसी मान्यता हैं, कि व्रत के प्रभाव से भगवान जल्द प्रसन्न होकर व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण कर देते हैं। व्रत करने से व्यक्ति का चित्त बेहद पवित्र होता है। व्रत हमें मानसिक और आत्मिक शक्ति प्रदान करता हैं। हिंदू शास्त्र के अनुसार विधि-विधान से यदि व्रत को किया जाए, तो वह तप के समान हो जाता हैं। भारत में व्रत को सांस्कृतिक धरोहर माना जाता है ।

हिंदू धर्म में उपवास करने के खास नियम:-

1. सही समय पर लें व्रत का संकल्प

हिंदू धर्म के अनुसार व्रत का संकल्प हमेशा शुभ मुहूर्त या ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के बाद ही लें। यह समय बहुत ही शुभ माना जाता है।

2. उपवास से जुड़े नियमों का करें सही से पालन

व्रत रखने वाले व्यक्ति को हमेशा व्रत से जुड़े नियमों का पालन करना चाहिए। बच्चे, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं या बीमार लोगों के लिए ही इन नियमों में छूट दी गई हैं।

3. नियमों के अनुसार करें पूजा 

यदि व्रत कर रहे है, तो आप उस दिन प्रातः काल स्नान करके घर और पूजा स्थल की अच्छे से सफाई करें। पूजा की सभी सामग्री और भगवान की मूर्ति पर पूजा स्थल पर स्थापित करके ही उनकी पूजा करें। पूजा हमेशा विधि विधान एंव मंत्रों के साथ करें। 

4. भूल कर ना पहनें कपड़ा

व्रत के दिन सुबह जल्दी स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। उस दिन भूलकर भी काला कपड़ा ना पहनें। हिंदू धर्म में काला कपड़ा अशुभ माना जाता है।

5. उपवास के दौरान ब्रह्मचर्य का करें पालन

उपवास के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें। ऐसा करने से व्रत में सफलता मिलती है। धर्म के अनुसार ब्रह्मचर्य का पालन करने से जातक का मन शांत रहता है। उपवास करने के दिन भूलकर भी क्रोध ना करें। इस दिन अपने मन में किसी प्रकार का नकारात्मक विचार ना रखें।

 🕉️ व्रत रखने से संबंधित महत्वपूर्ण कुछ और बातें जिनका भी हमको बड़ी संजीदगी से ध्यान रखना चाहिए-

सर्वप्रथम इस बात का ध्यान रखें कि आपको जितने व्रत करने हैं उसका संकल्प अवश्य लें। संकल्प के बिना व्रत अधूरा माना जाता है।

• व्रत में तन के साथ मन का संयम रखना भी आवश्यक होता है। यदि व्रत किया है तो अपने मन में किसी भी वस्तु को देखकर उसे ग्रहण करने का भाव न लाएं।

• व्रत में हल्का सुपाच्य भोजन लेना चाहिए, और किसी भी तरह के तामसिक या गरिष्ठ भोजन से बचना चाहिए।

• व्रत का अर्थ होता है ईश्वर के प्रति कुछ समय समर्पित करना। इसलिए व्रत में केवल ईश्वर का स्मरण करें। उपवास के दौरान मन में किसी प्रकार के गलत विचार न लाएं, किसी की निंदा न करें।

• व्रत में क्रोध नहीं करना चाहिए, क्रोध में मुख से अपशब्द निकल सकते हैं, जिसके कारण आपका पूरा व्रत विफल हो सकता है।

• यदि आपने किसी मन्नत के लिए व्रत का संकल्प लिया है तो किसी ज्योतिष आदि से सलाह लेकर शुभ मुहूर्त में व्रत आरंभ करें।

• इसके अलावा माना जाता है कि स्त्रियों को रजस्वला होने पर व्रत नहीं करना चाहिए। उन दिनों की गिनती न करें और आगे आने वाले व्रत करें।

• यदि व्रत के बीच में सूतक (किसी की मृत्यु या जन्म होने के पश्चात का कुछ समय) पड़ जाएं तो पुनः व्रत आरंभ करने चाहिए।

• यदि आप व्रत करते हैं तो देवी-देवताओं के साथ ही अपने पूर्वजों का स्मरण भी करना चाहिए।

• व्रत पूर्ण हो जाने पर उद्यापन अवश्य करवाना चाहिए। बिना उद्यापन  कराए व्रत पूर्ण नहीं माने जाते हैं।



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साभार-  ओमन सौभरि भुरर्क, भरनाकलां, मथुरा

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